जलसंसाधन विभाग धरमजयगढ़ में घटिया निर्माण किसके सहमति से ?


जल संसाधन विभाग धर्मजयगढ़ में हो रहा है घटिया निर्माण धर्म जयगढ़ के सिसरंगा में कैनाल का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण एजेंसी धर्मजयगढ़ के जल संसाधन विभाग है यहां पर कैनाल का निर्माण की अवलोकन करने पर देखा गया है कि 1 इंची प्लास्टर भी नहीं हो रहा है और प्लास्टर इतना घटिया हो रहा है कि छूने मात्र से ही पापड़ी की तरह प्लास्टर झरकर गिर रहा

है जहां-थहां लंबे-लंबे दरारें आ चुकी है और पापड़ी के रूप में दिवाल झर रहा है जहां मिट्टी को पाट कर इस घटिया निर्माण को छुपाया जा रहा है यहां पर कार्यरत मजदूर एवं मुंशीयों से चर्चा करने पर इन्होंने अपने बयान में कहा कि प्लास्टर झरने की वजह यहां की मिट्टी है जहां पर की मिट्टी कमजोर है वहां का प्लास्टर झरकर या ढाह कर गिर रहा है अब इनकी बातों से यह बात तो स्पष्ट है कि प्लास्टर कमजोर है मगर यहां पर कहने वाली बात यहां है कि इस निर्माण की अवलोकन क्या हो रहा है ?

अगर अवलोकन हो रहा है इस निर्माण की इतनी दुर्दशा कैसे हो सकता है? स्थानीय जल संसाधन के विभाग से संबंधित कोई भी अधिकारी अगर घटनास्थल पर जाकर देखें तो यहां घटिया निर्माण जरूर इनको नजर आएगा और ऐसा नहीं है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी संबंधित निर्माण की जांच ना करता हो अगर जांच हो रही है तो ऐसी निर्माण को स्वीकृति कैसे दी जा रही है ?ठेकेदार द्वारा लापरवाही पूर्वक किया जा रहा कार्य जो कि इतना घटिया है कि अभी कैनाल निर्माण पूर्ण भी नहीं हो पाया है और कैनाल का दीवार टूटकर गिर रहा है ।

जहां-तहां दरारे एवं पापड़ छोड़ रहा है ऐसी निर्माण की अगर संबंधित विभाग पूर्णता प्रमाण पत्र दे देता है तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है इसकी जांच में सारी तथ्य उभर कर सामने आ सकता है कहीं ना कहीं यह विभागीय सहमति से ही ऐसा कार्य पूर्ण हो रहा है जिसकी सारी जवाबदारी विभाग की ही है!