डी बी एल का क्रेशर प्लांट खनन स्थल से दूर क्यों लगाया गया ॽ


ग्राम दर्पण
धरमजयगढ़, डी बी एल के द्वारा धरमजयगढ़ के लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में अपना गिट्टी खनन केलिए खदान का विस्तार हेतु जनसुनवाई से लेकर अब तक किये जा रहे लगभग सभी कार्यों को शासन के नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है।
डीबीएल के अनियमितताओं को शासन पशासन को संज्ञान में लेने की मंशा में कमी भी डी बी एल के गलत कार्य करने की आत्मविश्वास को बढ़ा रहा है ।शासन ने डी बी एल को जिन गाइडलाइन के तहत गिट्टी खदान की स्वीकृति दी थी उन में खनन स्थल के समीप ही क्रेशर प्लांट लगाने की बात भी शामिल था।
जिससे पर्यावरण प्रदूषण का दायरा सीमित रहे लेकिन डीबीएल ने पर्यावरण स्वीकृति तो लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत के दमास क्षेत्र में लिया है और क्रेशर प्लांट बायसी ग्राम पंचायत के बांग्ला पारा क्षेत्र में जो खनन स्थल से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है पर प्लांट को संचालित कर लिया है ।
जिससे प्लांट के आसपास मौजूद रह वासियों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है जब कि ऐसे प्लांट के लिए पर्यावरण विभाग आबादी क्षेत्र से दूर ही स्वीकृति देती है और इन्हीं शर्तों के साथ डीबीएल ने पर्यावरण विभाग से स्वीकृति ली है। एवं खदान के समीप ही क्रेशर मशीन लगाने का उल्लेख किया गया है जबकि इसके विपरीत डीबीएल का यह क्रेशर प्लांट आबादी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्वीकृत स्थल से दूर क्रेशर प्लांट संचालित करने के पीछे गिट्टी के हेरा फेरी के साथ साथ जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है वहीं नियमों को ताक पर रख कर कार्य करना डी बी एल की मंशा को समझना आसान तो है लेकिन शासन प्रशासन समझने कि जरुरत महसूस नहीं कर रही है ।
विकास की आड़ में जनता का विनास ही किया जा रहा है जिसको जनता समझ चुकी है एवं इस विनास का जवाब देने के लिए शायद जनता सही समय का इंतजार में हैं।