मनरेगा से दूर भाग रहा है मजदुर ग्राम पंचायत हाटी में

मनरेगा में काम करना पसंद नहीं करता है ग्रामीण हाटी ग्राम पंचायत के मनरेगा मजदूरों को 15 वर्षों के बाद भी मनरेगा मजदूरी नहीं मिल पाया है जिस कारण ग्रामीण मनरेगा में कार्य करना पसंद नहीं करते हैं ग्रामीणों ने कहा 15 साल पहले खोदे गए एक तालाब का मनरेगा मजदूरी हमें आज तक नहीं मिला है सरपंच ने एक बार पांच ₹500 घर-घर आकर अपने हाथ से दिया था और कहा था बाकी पैसा बाद में दूंगा पर आज तक नहीं मिला इसलिए कुछ साल पहले इस तालाब का गहरीकरण में कोई मजदूर काम नहीं करना चाह मजबूरी में पंचायत में 8 से 10 मजदूरों को चार से पांच दिन काम करवाया था जिसका मजदूरी भी उक्त मजदूरों को नहीं मिला है।
मगर लाखों का गहरी करण को नाम मात्र का सफाई कराकर कार्य संपन्न दिखाया गया एवं खर्च राशि का बंदर बांट कर लिया गया है मास्टर रोल तो चला है मगर उक्त मजदूरों ने ना तो काम किया है ना पैसा पाया है जो मजदूर काम किया था वह भी पैसा ना मिलने की शिकायत कर रहे हैं खाते के माध्यम से भुगतान होने का नियम के बावजूद मजदूरों को भुगतान न मिलना एवं फर्जी मजदूरों का मजदूरी को भ्रष्टाचार करने वाले तक सही सलामत पहुंच जाना अनेकों सवालों को जन्म देती है जरूरत है हाटी पंचायत के मनरेगा मजदूरों से मिलकर वास्तविकता को सामने लाने की नहीं तो इस पंचायत में आने वाले दिनों में एक भी मनरेगा मजदूर नहीं मिलेगा और फर्जी मास्टर रोल के सहारे सारे मनरेगा कार्य संपन्न होते रहेगा।