छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूल बंद करने के फैसले पर भड़के कांग्रेसी नेता जफर हैदर, भाजपा सरकार पर साधा निशाना, मांगा इस्तीफा

शिक्षा को महंगा बनाने कि नीति साबित होगी सरकार का यह निर्णय ।
।छत्तीसगढ़ सरकार के 10,463 स्कूलों को बंद करने के फैसले ने प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य जफर हैदर ने इस नीति को शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस निर्णय को लाखों बच्चों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक करार दिया और सरकार से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
जफर हैदर ने कहा कि जब से भाजपा की डबल इंजन सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। उन्होंने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर बंदी को अव्यवहारिक और बच्चों के हितों के खिलाफ बताया। जफर हैदर ने सवाल उठाया, दो शिक्षक पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे..? यह सरकार की नासमझी और अक्षमता को दर्शाता है।
कुलमिलाकर इस मुद्दे ने प्रदेश की सियासत को और गरमा दिया है। विपक्षी दल ने इसे सरकार की नाकामी का प्रतीक बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि शिक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर जनता की नजरें टिकी हैं।शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन, निजीकरण की साजिश…?
जफर हैदर ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देता है, लेकिन सरकार इस दिशा में पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों को बंद करने का यह फैसला शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने की साजिश का हिस्सा है। यदि सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में असमर्थ है, तो उसे या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर स्कूल शिक्षा विभाग को निजी क्षेत्र के हवाले कर देना चाहिए, जफर हैदर ने तल्ख टिप्पणी की।युक्तियुक्तकरण या शिक्षा का अंत…?जफर हैदर ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की नीति को भी आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि यह नीति ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को और सीमित कर देगी।
पहले भी भाजपा शासन में हजारों स्कूल बंद किए गए थे, जिसका खामियाजा ग्रामीण बच्चों, खासकर छात्राओं को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, यह नीति न केवल शिक्षा के बुनियादी ढांचे को कमजोर कर रही है, बल्कि लाखों बच्चों को स्कूलों से दूर कर रही है।जफर हैदर की मांग: तत्काल नीति वापस लेंजफर हैदर ने सरकार से इस नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी और बच्चों के हक के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करेगी। हम लाखों बच्चों के भविष्य को अंधेरे में नहीं धकेलने देंगे, जफर हैदर ने चेतावनी दी।
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