सरकारी स्कूलों के मध्यन्न भोजन। उधारी से हो रहा संपन्न। मेन्यू का नहीं कोई औचित्य। समुह अपने हिसाब से खिला रहा है खाना।
धरमजयगढ विकास खंड में सरकारी स्कूलों में उधारी से पूरा हो रहा है स्कूल के माध्यम भजन ।
धर्मजयगढ़ के सरकारी स्कूलों के माध्यम भोजन की स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो सरकार इस योजना को उधारी में ही पूरा कर रहा है। ऐसा इस कारण कहना पड़ रहा है क्योंकि इन मध्यन्न भोजन में नियुक्त महिला समूह का कहना है कि हमारा वेतन एवं राशन का जो बिल शासन से मिलता है इस पैसे को शासन हमें प्रतिमाह भुगतान नहीं करते हैं कभी चार माह कभी 6 मा तो कभी इससे भी देरी हो रही है जिस कारण हम बच्चों को निर्धारित मेन्यू के हिसाब से पोषण आहार नहीं दे पाते ग्राम दर्पण संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल पर समूह के सदस्य ने कहा कि जब शासन से हमें सही दाम सही समय पर नहीं मिलेगा तो हम अपने पैसों से सारी चीज कैसे खिलाएंगे इसीलिए पांच रत्न दाल के जगह केवल एक ही दाल वह भी पानी की मात्रा ज्यादा एवं अपने बाड़ी का साग भाजी से ही काम चलाया जाता है।
बच्चों के अभिभावकों के आरोप एवं शिकायत रहता है कि बच्चों को मेनू के हिसाब से सब्जी नहीं दिया जा रहा है इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर पता चला की अनेकों समूह के महिलाओं को प्रतिदिन का मेनू भी नहीं मालूम है विभागीय जांच के संबंध में पता चल रहा है की कभी कोई जांच अधिकारी नहीं आते हैं कभी कोई जांच अधिकारी के आगमन से पहले इन्हें सूचना मिल जाती है जिससे वह सचेत हो जाते हैं एवं स्थानीय अधिकारियों को स्थिति की जानकारी होती है। इन हालातो से ऐसा प्रतीत होता है। बोझा ढोया नहीं जा रहा है मगर मगर बोझा ढोना भी मजबुरी है। यह बोझ किसके लिए है जनता स्वयं ही अंदाज़ लगा ले तो बेहतर।