बिरहोर समुदाय आज राजनीताओं के भाषण में ही विकास कर रहा है ।

ये है रतनु बिरहोर।
जब हम बिरहोर बस्ती में जाते हैं तो न जाने ऐसे कितने रतनु बिरहोर हमें मिल जाते हैं जो स्वभाव से भोले भाले होते हैं किसी अच्छे कपड़े पहने हुए व्यक्ति को देखकर डर जाना इनका स्वभाव होता है यह समाज से अलग-अलग एकांत में शांतिप्रिय जीवन जीने वाले समुदाय होते हैं इन्हें नहीं मालूम की दुनिया में क्या हो रहा है और दुनिया वाले क्या कर रहे हैं यह तो बस अपने बस्ती में अपने टोले में अपने घर परिवार के साथ रूखी सूखी रोटी खाकर टूटी-फूटी झोपड़ी में सुख शांति से रहते हैं। इन बिरहोरों को यहां तक भी पता नहीं होता है कि शासन प्रशासन इनके लिए क्या योजनाएं लाई हैं इनके लिए सरकार क्या-क्या सुविधा मुहैया करा रही है इन्हें ना कोई सुविधा मिलती है ना कोई प्रशासन के व्यक्ति उनके दरवाजे झांकने जाते हैं ना पंचायत प्रशासन इनकी ओर ध्यान देते हैं यादा कदा इनके। एक आद मोहल्ले टोली में कभी-कभी रायगढ़ जिले से कलेक्टर महोदय आकर एक आद बार इनसे मिल लेते हैं और इन्हें तरह-तरह का आश्वासन देकर चले जाते हैं उसके बाद फिर हाल जस के तस जैसा इनका दिनाचार्य चल रहा था वैसा फिर से चलता है ना कोई प्रशासन के अधिकारी इन तक झांकने आता है ना ही कोई इनकी ओर मदद के लिए हाथ बढ़ाता है उनके आवास जरूर पास होते हैं मगर यह स्वयं से तो बना नहीं सकते पंचायत द्वारा ठेका से उनके आवास बना दिए जाते हैं जो की बहुत ही घटिया निर्माण होता है जो रहने योग्य नहीं होता है कहीं-कहीं तो इनको आवास तक भी नसीब नहीं हुए हैं कहीं उनके मोहल्ले तक पहुंचाने के लिए रास्ता तक नहीं मिल पाया। खाने को तो यह राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं अगर यह सिर्फ सुनने में ही अच्छा लगता है देखने से कुछ और ही आभास होता है जो कि बयां करना अशोभनीय होगा।आज आज सरकार बिरहोर समुदाय के लिए बहुत चीज उपलब्ध करा रही है मगर यह सारे फायदे इन तक नहीं पहुंच पा रहा है यह सारे सुविधा ग्राम के गणमान्य लोग उनके नाम का आया हुआ सुविधा इनसे छीन रहे हैं इनके निवाला खाकर छोटे-छोटे राज नेताओं के नुमाइंदे अपने आलीशान मकान बनाने में सफल हो रहे हैं उनके नाम का दुहाई दे दे कर राजनीतिक रोटी सेकंने वालों को इन जंगली इलाकों में आने का समय ना कभी मिला है और ना ही इन्हें जरूरत पड़ती है सच तो तभी सामने आएगा जब इन जनजातियों के बीच जाकर इनका हाल-चाल सुना जाए तभी समझ में आएगा की शासन और प्रशासन द्वारा किए जाने वाला प्रयास कितना सार्थक और कितना सफल हो रहा है।
















































