राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के नशीब में सड़क की अभाव।



धरमजयगड़। धरमजयगढ़ विधानसभा में रहने वाले अधिकांश बिरहोर आज तक सड़क विहिन जिवन जीने मे मजबूर हैं। यह बिरहोर समुदाय खाने को तो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाते हैं मगर इन विरोहण समुदाय को जो सुविधा मिलनी चाहिए वह अभी तक इनको नहीं मिल पा रहा है वैसे तो यह लोग वनों में अलग-अलग जगह पर अपने समुदाय के साथ निवास करते हैं मगर किसी न किसी पंचायत के आश्रित में इनकी गिनती होती है मगर पंचायत प्रशासन अभी तक बहुत सारे पहाड़ी कोरबा गांव को सड़क से जोड़ने में असफल रहे इनके गांव तक पहुंचाने का मार्ग नहीं के बराबर है इनके गांव के भीतर सड़क का अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है ऐसे ही मामलों में एक नाम ग्राम पंचायत रा फूल भी है जहां आश्रित पहाड़ी कोरबा समुदायों के बस्ती में कोई भी सड़क नजर नहीं आता है वे लोग सड़क के अभाव में परेशानी भारी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत रुवाफुल के बिरहोर बस्ती का दृश्य।


ऐसा ही एक नाम ग्राम पंचायत सींवर का भी आता है यहां आश्रित बिरहोर समुदाय के जो बस्ती है वहां तक पहुंचाने के लिए इनको रास्ता नहीं मिल पा रहा है इन बस्ती के मध्य अन्य समाज के लोगों का जमीन फंसा है यह जमीन बिना अधिग्रहण के ग्रामीण सड़क के लिए देने को तैयार नहीं है सरपंच के द्वारा आने को प्रयास किया जा रहा हैं कि उनके लिए किसी भी तरीके से सड़क के लिए जमीन उपलब्ध कराया जाए प्रशासन तक पंचायत द्वारा प्रस्ताव भी दिया गया है मगर मामला अधिग्रहण का फंसा हुआ है ग्रामीण बिना अधिकरण के एवं बिना मुआवजा के बिरहोर बस्ती के लिए रास्ता देने को तैयार नहीं है यहां तक गुजरने के लिए एक मेड़ के अलावा और कोई उपाय नहीं है एक मोटरसाइकिल के अलावा यहां कोई भी चार पहिया वाहन प्रवेश नहीं कर सकता है अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इन बिहोर बस्ती को रास्ता दिलाने में सफल हो पाएगा खबर लिखे जाने तक सींवर के बिहोर बस्ती के लिए रास्ता का कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
ग्राम पंचायत सिवांर के बिरहोर बस्ती का सड़क।

