सरकारी स्कुलों में दाना तो है लेकिन पानी की बड़ी किल्लत है।

ग्राम दर्पण न्यूज़
दाना है पानी नहीं शासन के व्यवस्था की जमिनी हकीकत कुछ और है।
छत्तीसगढ़ में शासन ने स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों में टेप नल जल की योजना से स्कूली बच्चों को पानी मुहैया कराने की व्यवस्था किया है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत ने खूब खर्च किया है ।टेप नल जल योजना अंतर्गत बोर के साथ पानी की टंकी भी स्थापित किया गया है।
ताकि बिजली गुल होने पर बच्चे टंकी का पानी इस्तेमाल कर सके ग्राम पंचायतों में टेप नल जल योजना में भारी भरकम राशि खर्च तो किया है मगर कहीं बोर है तो टंकी गायब है यदि टंकी है तो बोर खराब है ।
लेकिन मजाल है कि इस व्यवस्था की निगरानी व जानकारी लेने की किसी ने कोशिश किया हो।

जी हां टेप नल जल व्यवस्था की क्या स्थिति है इसकी जांच करने की किसी भी सरकारी तंत्र के पास समय नहीं है ।अधिकारी से कर्मचारी तक मोटा कमीशन के खेल में सारी जिम्मेवारी से आंखें बंद कर बैठे हैं । तस्वीर में दिखाया जाने वाला दृश्य यह केवल एक ही स्कूल का नहीं है।

एक खोजने पर हजार मिलेंगे हजार खोजने पर लाखों मिलेंगे सोनपुर के स्कूली बच्चे जी हां धर्मजयगढ़ के कापू का सोनपुर के स्कूली बच्चे बिजली गुल होने कारण ढोडी यानी कुआं के पानी का इस्तेमाल मध्य भोजन के समय में उपयोग कैसे कर रहे हैं ॽ
और इसमें कितना खतरा है इसको ना सरकारी तंत्र महसूस कर सकते हैं ।और ना ही स्थानीय जन प्रतिनिधि। वैसे जन प्रतिनिधि जनता के प्रति ध्यान कम देते हैं ।बल्कि जनता के निधि पर यानी पैसे पर पूरा ध्यान रखते हैं।
सरकारी स्कूल के बच्चों का कसूर बस इतना है कि यह बच्चे गरीब घर में जन्म लिए है ।जेनके बदौलत राजनैतिक रोटियां सेकीं जाती है।और भारत देश में जब तक गरीब और गरीबी है ।तब तक राजनीति है भारत में बिना गरीब का राजनीति शायद ही संभव है।