विवादित जमीन दलाल की दबंगई। प्रधानमंत्री आवास को जेसीबी चलाकर तोड़ा। पूर्व में जमीन दलाली में जयदेव बैरागी जा चुका है जेल।

विवादित जमीन दलाल की दबंगई।प्रधानमंत्री आवास को जेसीबी चलाकर कर तोड़ा।
पूर्व में जमीन दलाली में जा चुका है जेल।जयदेव बैरागी ने पड़ोसी के प्रधानमंत्री आवास पर जेसीबी चलाकर तोड़ दिया। शिकायतकर्ता के शिकायत पर नहीं हुआ कार्यवाही। अनुविभागीय अधिकारी धरमजयगढ़ एवं थाना धरमजयगढ़ में किया गया शिकायत पर अब तक कोई करवाई नजर नहीं आईप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिला था गरीबों को मकान सरकारी संपत्ति को किया तहस-नहस आवास तोड़ने वाला दबंग एवं जमीन दलाली से संबंध रखने वाला व्यक्ति है जयदेव बैरागी नमक यहा व्यक्ति जमीन दलाली में पहले जा चुका है जेल ग्राम के सरपंच एवं अनेकों ग्रामीण शिकायतकर्ता के पक्ष में बात कर रहा है वही जयदेव बैरागी खुद को सही साबित करने के लिए दांवपेंच खेल रहा हैमामला को विस्तार से समझे।दिवंगत घेसिया राम निवासी पंडरी महुआ धरमजयगढ़ का गोदनामा पुत्र जय राम यादव जो कि दिवंगत घेसीया राम का वर्तमान बारिश है के द्वारा धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना धरमजयगढ़ को आवेदन देकर शिकायत किया है की घेसिया राम की भूमि पर घेसियाराम के नाम से प्रधानमंत्री आवास बना हुआ था जिसे पंडरी महुआ निवासी जयदेव बैरागी पिता कालिदास बैरागी के द्वारा छल एवं बल पूर्वक बिना कोई सहमति के उक्त जमीन एवं प्रधानमंत्री आवास को हासिल करने बाबत अपना घोषित करते हुए निर्मित प्रधानमंत्री आवास को जेसीबी मशीन के द्वारा तोड़कर स्वयं का मकान निर्माण कर रहा है जो की एक प्रधानमंत्री आवास को बिना कानूनी प्रक्रिया के तोड़ना नियम विरुद्ध है जिसका शिकायत जयराम यादव के द्वारा किए जाने के उपरांत अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। मामले के कुछ बिंदु जो मामले को संदेहास्पद बना रहा है1/इस मामले में दो अलग-अलग वसीयत जयदेव बैरागी के द्वारा दिखाया जा रहा है2/वसीयत में अंगूठे एवं हस्ताक्षर में अंतर3/द्वितीय वसीयत में जयराम यादव जो कि घेसियाराम का गोदनामा पुत्र बारिश का कोई उल्लेख नहीं है।घेसियाराम का अपना कोई संतान नही होने के कारण जयराम यादव को गोद लिया था4/जयदेव बैरागी का चरित्र जमीन दलाली का होना है जयदेव का जालसाजी कर जमीन खरीदी बिक्री मामले में पहले भी जेल हो चुका है।जयदेव बैरागी के पास दो वसीयत है प्रथम वसीयत में घेसियाराम राम ने जय राम यादव को 10 से अधिक गांव के वालों के समक्ष अपना वारिस घोषित करते हुए मरण उपरांत जयराम को अपने चल अचल संपत्ति का वारिस होने की घोषणा किया है वहीं द्वितीय वसीयत में घेसियाराम के पत्नी गणेशी ने अपनी संपत्ति दो गवाहों के समक्ष जयदेव बैरागी के नाम वसीयत लिखा है जब घेसियाराम पहले ही जयराम के नाम वसीयत कर चुका है तो घेसियाराम के मरण उपरांत उनके पत्नी गणेशी के द्वारा द्वितीय वसीयत लिखना मामले को पेचीदा बना रहा है द्वितीय बिंदु में अंगूठे का निशान एवं हस्ताक्षर में अंतर होना मामले को संदिग्ध बना रहा है वही वसीयत में गणेशी के द्वारा जयराम यादव के संबंध में कोई भी उल्लेख अच्छा भला सहमति या असहमति का कोई भी उल्लेख नहीं होने पर भी मामले को संदिग्ध बना रहा है एक और जयदेव बैरागी का चरित्र जमीन दलाली के संबंध में जालसाजी करने के आरोप में जेल जाकर आना जयदेव बैरागी को दस्तावेज संबंधित कुट रचना में माहिर होना भी मामले को संदेहास्पद बना रहा है ऐसे तमाम मामलों को देखते हुए यह मामला सूक्ष्म जांच का विषय है मामले के लिखे जाने तक जयदेव बैरागी के द्वारा प्रधानमंत्री आवास तोड़े जाने संबंध में लिखे गए शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
(यह मामला जांच का विषय है ग्राम दर्पण चैनल इसका पुष्टि नहीं करता।)