Blog

अब नहीं चलेगा पेशी पर पेशी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा राजस्व मामले समय पर निपटाएं

अब नहीं चलेगी पेशी पर पेशी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा राजस्व मामले समय सीमा में निपटाएंआज प्रदेश के सभी राजस्व विभागों में राजस्व मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है राजस्व मामला के लगातार बढ़ने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कड़ा तेवर अपनाए हैं कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दो टूक शब्दों में कहा कि अब पेशी पर पेशी का दौर खत्म हो सभी राजस्व मामलों का निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटारा होना चाहिए विष्णु देव साय ने कहा कि बार-बार पेशी पर बुलाने से लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ समय भी बर्बाद होता है इससे सरकारी सिस्टम से लोगों का भरोसा भी कम होता है उन्होंने अधिकारियों से कहा की पेशी में कमी लाई और प्रकरणों का समय पर समाधान सुनिश्चित करें मुख्यमंत्री साय ने कहा राज्य सरकार अब राजस्व प्रकरणों में पारदर्शिता और जवाब देही को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है प्रत्येक अधिकारी सुनिश्चित करें कि मामलों का निपटारा तेजी से और न्याय संगत ढंग से हो मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए नामांतरण विवादित व विवादित बंटवारे अभिलेख त्रुटि सुधार भू अर्जन सीमांकन और डायवर्सन आदि से संबंधित प्रकारों का जिलेवार समीक्षा किया अब देखने वाली बात यह होगी की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह जन हितेषी आदेश को राजस्व विभाग कितना गंभीरता से लेती है क्या इन आदेश के बाद लोगों को राहत मिलेगी यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी एक जानकारी के अनुसार राज्य में फिलहाल एक लाख से अधिक राजस्व मामले सालों से पेंडिंग है कार्रवाई के नाम पर इनमें पेशी पर पेशी का दौर चल रहा हैं।वही मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने सभी राजस्व प्रकरणों को ई कोर्ट में दर्ज करने के आदेश दिए हैं ताकि मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग आसानी से हो सके उन्होंने रिकॉर्ड दृरुश्त प्रकारणो और त्रुटि सुधार के मामलों पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा है साथ ही रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए तहसील स्तर पर पटवारीओ के जरिए विशेष अभियान चलाने को कहा।

जशपुर में हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई है चौंकाने वाली बात यह है कि 6 महिलाओं ने खुद को पत्नी बताकर 6 लाख के मुआवजे पर दावा ठोका है ।

मुआवजे की दावेदारी करने के लिए पंचायत और वन विभाग के दफ्तर पहुंच रही है यह मामला जशपुर जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र में अजीब मामला सामने आया है बालाझार चिमटा पानी गांव में हाथी के हमले में सालिकराम टोप्पो की मौत हो गई है जब सरकार से ₹6 लख रुपए मुआवजा मिलने की बात आई तो अचानक 6 महिलाएं सामने आ गई सभी ने खुद को सालिकराम की पत्नी और बारिश बताते हुए दावा किया है इस बारे में पत्थलगांव जनपद के बालाझार पंचायत के सरपंच जय रनाथ राम ने बताया कि सालिक टोप्पो की मौत होने के बाद सुगंधी बाई और बुधियारो बाई के अलावा सरगुजा से चार महिलाएं मुआवजा लेने पहुंची थी पंचायत ने उनसे कहा कि वह अपने वारिस होने का बैच दस्तावेज प्रस्तुत करें इस पर दो महिलाओं ने दस्तावेज दिखाए हैं पत्थलगांव के रेंजर कृपा सिंधु पैकरा ने कहा हमारे पास 6 महिलाएं और परिजन खुद को सालिक की पत्नी और परिजन बताकर मुआवजा का राशि पाने के लिए दवा कर रहे हैं इनमें से कोई लोग तो दूसरे जिले से बारिश होने का पंचायत से प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे हैं हमने तय किया है कि जिस पंचायत में सालिक रहता था और जहां घटना हुई वहां का प्रमाण पत्र जो देगा उसे ही असली वारिस मानेंगे एक का बेटा बोला मेरी मां पहली पत्नी है एक बोली मैं 20 साल से सुख-दुख में साथ हूं मुआवजा के लिए 6 महिलाओं की ओर से किया जा रहे दावों को लेकर अपने तर्क है 50 वर्षीय सुगंधी बाई की और बेटे भागवत टोप्पो ने कहा कि उसकी मां ने सबसे पहले सालिकराम से शादी की थी मां पिता को छोड़कर 20 साल पहले चली गई थी जब वह 5 साल का था तब से वह अपने पिता और अपने सौतेली मां बुधियारो बाई के साथ रहता है उसने बताया कि वह बुधियारो बाई को अपनी मां मानता है और शेष अन्य दावे झूठ है इस मुआवजे पर पहला हक मेरी मां का है वही 48 वर्षीय संगीता बाई का दावा है कि सालिक ने उसे मंगलसूत्र पहनाया था इस कारण असली पत्नी वही है उसने कहा कि हमारी शादी पवित्र थी इसे झुटलाया नहीं जा सकता अपने दावे को लेकर तर्क देते हुए 46 वर्षीय शिलाबाई ने कहा कि वह सालिकराम के साथ पत्नी के रूप में 2 साल तक साथ रही थी इसलिए हक उसका है वही 50 वर्षीय अनीता बाई का दावा है कि शालिग्राम उसके साथ रहे इसका प्रमाण सीतापुर के बिशनपुर पंचायत से मिला प्रमाण पत्र है जो उनके गहरे रिश्ते का सबूत है 48 वर्षीय मीना बाई का दावा है कि उसने सालिकराम के साथ सबसे ज्यादा समय बिताया है इसलिए मुआवजे की हकदार वही है बुधियारो बाई का कहना है कि वह पिछले 20 साल से सालिकराम के साथ उनके घर में रह रही थी मृत्यु से पहले वहां मेरे साथ ही रहा रहे थे उसने सालिक का हर कदम पर साथ दिया है यहां तक कि जब हाथी ने उसने कुचला तब भी वहां जंगल में उसके साथ थी। वही इस अजिबो गरिबों स्थिति को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों के दिमाग चकराने लगा है क्योंकि ऐसा मामला से सामना बहुत बिरले होता है।

परितोष मंडल

परितोष मंडल संवाददाता (ग्राम दर्पण) धरमजयगढ़, संतोष नगर वार्ड क्रमांक 8 जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button