धनवादा का दादागिरी से भालु पखना के आदिवासियों को हो रहा है मौत से साक्षात्कार।

धनवादा का दादागिरी से आदिवासियों का जिंदगी खतरे में ।
भालू पखना में धनवादा प्रोजेक्ट ने शुरुआती में ही अपना जलवा दिखा दिया था ।
जब एक बुजुर्ग आदिवासी की खड़ी फसल के ऊपर से गाड़ी चला कर रास्ता बना लिया था उसके बाद तो मानो धन वादा प्रोजेक्ट का स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार ने अपना रफ्तार ऐसा पकड़ा की जिसकी गति का कोई सीमा नहीं रहा सिर्फ आदिवासियों के दमन तक सीमित नहीं रहा स्थानीय आदिवासियों के जल जंगल जमीन एवं जीवन को तहस-नहस करने के अलावा सरकारी जमीन को भी अनधिकृत तरीके से कब्जा किया जैसे की अधिग्रहित भूमि से अधिक भूमि पर कार्य संचालन करना अंधाधुन बारूद का ब्लास्ट करना कंपनियों के गुरुओं के द्वारा आदिवासी महिला का प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा जमाना गांव के सरपंच पर झूठी रिपोर्ट करना एवं निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में अवैध खनिजों का उपयोग करना आदि शामिल है वैसे तो धनवादा को प्रशासन की पूरी तरह से खुली छूट मिला हुआ है मगर स्थानीय ग्रामीणों के सुलगते आक्रोश के वर्तमान में कुछ ज्यादा उग्र होने के कारण धर्मजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी ने धनवादा के अधिकारियों को कुछ दिन के लिए अपने कार्यशैली में बदलाव लाने हेतु निर्देशित किया है मगर धनवादा की आदत ही ऐसा है की जाती ही नहीं अपने फितरत के आगे मजबूर धनवादा अपने नए-नए कारनामों के साथ सुर्खियां बटोरने से बाज नहीं आ रहा है वर्तमान मैं अवैध रेत गिट्टी का धड़ल्ले से धनवादा उपयोग कर रहा है जिसका धनवादा को कोई डर भय अथवा कानून का कोई फ़िक्र नहीं है इन सारी चीजों को धनवादा अपने इसारे में नचाने में सक्षम है।