बाल उद्यान के नाम पर पार्षद मद का बंदर बांट।
धरमजयगढ़।
बाल उद्यान वीरान पड़ा है।। इस कार्यकाल में अध्यक्ष एवं कई पार्षद अपने मध्य से बाल उद्यान के नाम से अपने मध्य का लाखों रुपए खर्च कर दिए जो कहीं-कहीं तो दिख नहीं रहा है।
यदि इस पैसे ज का सदुपयोग होता तो नजर जरूर आता पर यह पैसा बाल उद्यान के नाम पर फर्जी सामान खरीदी का शिकार हो गया है एवं सभी ने अपना-अपना जेब भर लिया है जिस कारण जी बाल उद्यान में बच्चों की शोरगुल हंसी गुंजना चाहिए था जहां हरे भरे फूल पौधें से मनोरम दृश्य होना था जहां बच्चों के खेल एवं मनोरंजन हेतु तरह-तरह के साधन होने चाहिए था आज वही जगह वीरान एवं सुनसान खंडहर बनकर लोगों को चिढ़ाकर कह रहा है।
कि आखिर ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी कि धर्मजयगढ़ के जनता को इस तरह की स्वार्थी जनप्रतिनिधियों को चुनना पड़ा ऐसा ही एक बाल उद्यान धर्मजयगढ़ के जेल पारा हनुमान मंदिर के सामने वीरान पड़ा हुआ है जिसे पार्षद ने अपने कार्यकाल के इतने दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक निर्माण नहीं कर पाया है
वर्तमान समय में चुनाव नजदीक आते देख कर थोड़े समय के लिए जेसीबी चलाकर थोड़ा सा सफाई जरूर किया गया है । मगर उद्यान का अभी तक कोई विकास कार्य नहीं हो पाया है शायद इस उद्यान के नाम पर तमाम सामग्रियों की फर्जी खरीदारी बिक्री हुआ होगा इस उद्यान में बच्चों के मनोरंजन हेतु कोई सामग्री का उपयोग नहीं हुआ है और ना ही इस उद्यान के ऊपर कोई खर्च किया गया है मगर इस उद्यान के नाम पर लाखों का वारा न्यारा होने की संभावना है जिसे सब जानकर भी चुपचाप चोर चोर मौसेरा भाई का रिश्ता निभा रहा है ।खामोश रहकर आम जनता भी कहीं ना कहीं इस गड़बड़ झाला में अपनी भूमिका निभा रहा है आखिर इस तरह के फर्जीवाड़ा को कोई कैसे अकेला अंजाम दे सकता है ऐसी क्रियाकलापों पर कोई जांच या कार्रवाई नहीं होने की वजह क्या हो सकता हैॽ ऊपर से नीचे तक सब की सहभागिता के बिना ऐसी कार्यों को अंजाम देना संभव हो सकता हैॽ शायद नहीं। और यदि हां है तो ऐसी घोटालेबाज जनप्रतिनिधियों पर कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए।