भारत माला परियोजना में मुआवजा का खेल शुरू रातों रात खड़े हो रहा है गोदाम और फ़ार्म ।

फर्जी वाड़ा मे माहिर पुराने दलाल युद्ध स्तर पर हो चुका है सक्रिय।लेन देन का खेल हो चुका है शुरू।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतमाला परियोजना के पहले चरण में धरमजयगढ़ एवं बायसी कॉलोनी की जमीन अधिग्रहण के तहत मकान, जमीन व शेड के एवज में किसानों को मुआवजा वितरित किया जा चुका है। परंतु उक्त भूमि पहले से ही कोयला मंत्रालय द्वारा कर्नाटक पॉवर के ओपन कोल ब्लॉक हेतु प्रस्तावित है, जिससे भारतमाला मार्ग को डायवर्ट किया जाना प्रस्तावित हुआ। डायवर्जन सर्वे की सूचना मिलते ही कुछ पुराने और अनुभवी दलाल पुन: सक्रिय हो गए। बताया जा रहा है कि बायसी कॉलोनी के दो प्रमुख दलालों ने प्रभावित किसानों से स्टाम्प पेपर में एग्रीमेंट कर, उन्हें नकद रकम का प्रलोभन देकर उनकी जमीन पर अवैध रूप से गोदाम निर्माण कार्य आरंभ करवा दिया है। यह संपूर्ण गतिविधि बजरमुड़ा की तर्ज पर खेली जा रही एक सुनियोजित योजना प्रतीत हो रही है, जिसमें दलाल मुआवजा के बहाने शासन को पुन: करोड़ों की चपत लगाने की फिराक में हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन को मामले का संज्ञान लेकर सघन जांच कर ठोस कार्यवाही करनी चाहिए, जिससे ऐसे तत्वों में भय का वातावरण निर्मित हो। उक्त दलाल अब भारतमाला परियोजना से जुड़े एनएच सर्वेयर अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि मुआवजे की राशि बढ़वाने के लिए मोटी राशि का लेन-देन भी तय हो चुका है। बजरमुड़ा में करीब 55 हजार वर्गफीट के शेड का मुआवजा पारित किए जाने जैसी स्थिति यदि मेढऱमार में भी दोहराई जाती है, तो यह स्पष्ट होगा कि एनएच अधिकारी और दलालों के बीच गहरी सांठगांठ हो सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस गंभीर मामले में समय रहते सक्रिय होता है या नहीं। यदि नहीं, तो धरमजयगढ़ में एक और बजरमुड़ा कांड सामने आ सकता है, जो शासन की नीतियों और विकास कार्यों को सवालों के घेरे में ला खड़ा करेगा।