डी बी एल की जनसुनवाई बंद करो के नारों से संपन्न, भ्रमक जानकारी एवं चालाकी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन की दिशा में प्रक्रिया सफल क्षेत्रीय विकास के नाम पर व्यक्तिगत विकास सफल।

धरमजयगढ़,-9 अप्रैल 2025: ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर में आयोजित जनसुनवाई बंद करो के नारों से संपन्न हुई, जिसमें डी बी एल कंपनी द्वारा पत्थर खदान परियोजना को लेकर लगाई गई पंडाल में दोपहर तक सन्नाटा पसरा था उसके बाद लोगों ने बंद करो के नारों से अपना असमर्थन जताया। इस क्षेत्र को प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध माना जाता है, लेकिन इनके समुचित उपयोग को शासन को भ्रमक जानकारी देकर व्यक्तिगत विकास के लिए दोहनकिया जाएगा प्रस्तावित खदान का उद्देश्य सड़क निर्माण के लिए पत्थर उपलब्ध कराना और आवागमन को सुव्यवस्थित करना है, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलने की उम्मीद की जा रही है जनसुनवाई में यह बात सामने आई कि खनन से पहले और उसके दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं जैसे ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण और वन्यजीवों को संभावित नुकसान को कम करने के लिए कंपनी ने ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
कंपनी ने वन मंत्रालय को एक वचन पत्र सौंपा है, जिसमें एफॉरेस्टेशन (वृक्षारोपण) और जैव विविधता वाले क्षेत्रों को अप्रभावित रखने की प्रतिबद्धता जताई गई है। जो कि घना जंगल स्थल होने कारण कम्पनी के लिए एक बड़ी चुनौती भी है इसके अलावा, भू-अधिग्रहण और मुआवजे का निपटारा करने के साथ-साथ वन अधिकार अधिनियम का सूक्ष्म अध्ययन और पुनर्वास (यदि आवश्यक हो) जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए भी कंपनी तैयार है।
जबकि कम्पनी ने शासन को दिए जानकारी में कह है खदान क्षेत्र के आस पास कोई आबादी नहीं है।स्थानीय लोगों का मानना है कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के साथ साथ क्षेत्र में प्रदुषण एवं वन संपदा की हानी होगी कंपनी द्वारा दिए गए इन आश्वासनों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी के आधार को ग्रामीणों ने एक शिरे से नकार दिए
पर ग्राम सरपंच सहित कुछ ग्रामीणों ने परियोजना का समर्थन किया। जब की एक दिन पहले सरपंच ने स्थानीय एक मिडिया को उक्त कम्पनी के लिए असमर्थन जताई थी पुलिस और प्रशासन ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि कुछ लोगों ने पर्यावरणीय क्षति और वन उत्पाद और वन औषधियों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की , जिसके लिये प्रस्तावित कंपनी वृक्षारोपण जैसे कार्य की अनिवार्यता और सारे मानकों का अनुपालन करने की शर्त पर ही कंपनियों को परियोजना प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाती है ! जो धरातल पर कुछ और ही होता है।