जिन्दा को अस्पताल आने में ।और मुर्दा को श्मशान जाने में हो जाती है परेशानी ।

जिन्दा के लिए अस्पताल आने में और मुर्दा को श्मशान जाने में हो जाती है परेशानी । धरमजयगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दिवार पर एक साथ दोनों वाहन शव वाहन एवं एम्बुलेंस खराब होने का सुचना चिपका दिया गया है

।धरमजयगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/सरकारी अस्पताल के एम्बुलेंस लगभग अधिकतर खराब हो जाता है धरमजयगढ़ क्षेत्र एक आदिवासी एवं विहड़ जंगली क्षेत्र है यहां अधिकतर ग्राम जंगल एवं पहाड़ी पर स्थित है इस क्षेत्र में अनेकों आदिवासी समुदाय के साथ साथ पहाड़ी कोरवा समुदाय के जनजाति निवासरत है। इतना बड़ा क्षेत्र का एक मात्र मुख्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरमजयगढ़ में है एवं सभी उप स्वास्थ्य केन्द्र है। इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी धरमजयगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पर होने के बावजूद इस अस्पताल में अनेकों अभाव मौजूद है सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण एकमात्र समाधान होता है कि मरिज को रिफर किया जाना या शव को परिजनों तक पहुंचाना। इलाज हो न हो मरिज को गंतव्य तक पहुंचने की सुविधा भी इस अस्पताल में बड़ी मुश्किल से मिलता है उदाहरण के तौर पर धरमजयगढ़ सामुदायीक स्वस्थ्य केन्द्र के दिवारों पर सुचना चिपका हुआ है।जो अलग अलग माह एवं दिनांक में अस्पताल के एम्बुलेंस खराब होने बावत सुचना चिपका दिया गया है । लोगों का कहना है धरमजयगढ़ अस्पताल का एम्बुलेंस लगभग अधिकतर समय खराब रहता है। जिस कारण क्षेत्र की जनता के अलावा आदिवासी जनजीवन प्रभावित हो रहा है। अस्पताल की मेंटनेंस समस्या से शासन प्रशासन को अवगत होने की अत्यंत आवश्यकता है क्या कहते हैं बी एम् ओ।कल तक खराब था आज बन गया होगा।मै अभी कोरबा में हुं।