छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की बेमियादी हड़ताल ने पूरे ग्रामीण प्रशासन को अधर में लटका दिया है। ग्राम पंचायतों में सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है,

ग्राम दर्पण न्यूज़
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए धरमजयगढ़ ब्लॉक के पंचायत सचिव संघ अध्यक्ष कैलाश नारायण यादव ने बताया कि जुलाई 2023- 24 में सरकार ने आगामी बजट सत्र तक सचिवों का शासकीयकरण करने का वादा किया था,।
लेकिन अब बजट सत्र में भी उनकी इस बहुप्रतिक्षित मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया, सरकार अपने वादे से बेखबर हो गई है।जिससे मजबूर होकर सचिव हड़ताल पर उतर आये हैं !
: पंचायत सचिवों की गैरमौजूदगी का असर अब हर गाँव में साफ नजर आने लगा है। सचिवों की हड़ताल ने ग्राम पंचायतों में काम काज बुरी तरह प्रभावित होंगी!:
ग्राम पंचायतें बनीं ‘सूनी चौपाल’, अधिकारी असहाय!प्रदेश के 11,000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में ताले लग गए हैं। गाँवों में रोजाना लगने वाली चौपालें सुनसान पड़ी हैं, क्योंकि पंचायत सचिवों के बिना प्रशासन पंगु बन चुका है। ग्रामीणों को अब छोटे-छोटे कामों के लिए भी भटकना पड़ रहा है!
पंचायत सचिवों की हड़ताल से सरकार की मुस्किलें बढ़ गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा है।अगर जल्द ही कोई हल नहीं निकला, तो यह हड़ताल ग्राम पंचायतों के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए भी बड़ी मुसीबत बन सकती है।