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धान खरीदी जोरों पर। सवाल अंतर की राशि कब और कैसे मिलेगा।

पिछले खरीफ फसल में एक मुस्त धान का मूल्य देने वाले विष्णु देव सरकार वर्तमान सीजन में समर्थन मूल्य दे रही है और अंतर का राशि अभी क्यों नहीं दे रही हैं
राज्य निर्माण के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 2003 के विधानसभा चुनाव में धान खरीदी पर समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस देने का वादा किया हालांकि कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा की सरकार बनी भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किसानों को केंद्र के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त प्रति क्विंटल 270 रुपया बोनस दिया यहीं से शुरू हुई धान की सियासत जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिला।

प्रदेश में इस बार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार है जो 14 नवंबर से 31 जनवरी 2025 तक धान खरीदी के लिए समय रखा है साथ ही 160 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य है धान के सियासी पर भाजपा ने जीत हासिल किया एवं बिते खरीफ वर्ष में प्रति एकड़ 21 कुंटल धान खरीद किया साथ में 31 रुपया प्रति कुंतल के दर से एक मुफ्त राशि का भुगतान करने का घोषणा को पूरा किया शायद विधानसभा चुनाव के मध्य नजर मद्देनजर भाजपा ने घोषणा पर अमल करने मजबूर हुआ रहा होगा या कारण जो भी रहा उस पर चर्चा नहीं करते हुए वर्तमान खरीफ वर्ष को देखकर एक सवाल जो जनता के मन में उभर रही है और जनता से ज्यादा प्रदेश के किसानों के मन में जो एक सवाल धान मंडी से आने के बाद एक दूसरे से जानने का प्रयास कर रहा है कि इस बार अंतर की राशि कब तक मिलेगी कितना मिलेगी और किस्तों में या एक मुश्त मिलेगी वर्तमान खरीफ वर्ष में धान का समर्थन मूल्य के रूप में 23 रुपया किसान को मिल रहा है जबकि किसानों का कहना है घोषणा अनुसार एक मुश्त ₹31 के हिसाब से किसान को दिए जाने थे फिर यह कथनी और करनी में अंतर की वजह से किसान कुछ चिंतित एवं अनिश्चितता के साए में है और एक सवाल अपने जेहन में लिए बैठा है कि यह अंतर का राशि कब और कैसे मिलेगा।